डर
2 months ago
Less than 1 min read

डर

हमारे मन में रुके 

डर के कितने रूप है छुपे 

Darr | Hindi Poem By Mahima Bachani

डर 

कोई  कहे भावना

तो कोई कहे परिस्थिति से भागना

कोई कहे भ्रम 

तो कोई कहे वजह है हम

किसी को डर है अपनो को खोने का

तो किसी को डर है दुःखी होने का 

किसी का मानना है आत्मविश्वास का अभाव

तो किसी का इंसान के प्रति लगाव

सेकड़ो कारण है छुपे 

डर के नक़ाब में

हमारे मन में।