
Maa
एक चीज है जो मेरे बहुत करीब है वो है विश्वास।।
फिर चाहे वह किसी पर भी ,किसी भी रूप में क्यों ना हो।।
हो सकता है उस विश्वास का दूसरा नाम भगवान हो आपके लिए।।अब भगवान तो हर जगह हो नहीं सकते तो अब उस विश्वास को कहेंगे मां ।।
वो कहते हैं ना जिंदगी एक मंजिल तक का सफर है तो बस उस सफर में मेरी हमसफर है मेरी मां।।
वो कहते हैं ना रात के बाद सवेरा होगा तो वह उम्मीद है मेरी मां ।।
वो कहते हैं ना बुरे समय के बाद अच्छा समय भी आएगा तो वो हौंसला है मेरी मां ।।
वो कहते हैं मोहब्बत एक से होती है हजारों से नहीं तो वह मोहब्बत है मेरी मां।।
वो कहते हैं ना सही राह पर चलो तो बस उस राह कि राहगीर है मेरी मां।।
वो कहते हैं ना उजाला है क्योंकि दिए में बाती है तो वह बाती है मेरी मां।।
वो कहते है ना शब्दों से ज्ञान होता है तो वो शब्द हैं मेरी मां।।
वो कहते हैं ना प्रार्थना में शक्ति होती है तो बस वो प्रार्थना है मेरी मां।।
सुप्रिया सोनी।।
Appreciate the creator