
a year agoLess than 1 min read
Kafira
बोहोत ही उम्दा दिन थे ।
आज मन में कई विचार आए।
अब काफिरा बदल गया था....
लेकिन वो रास्ते याद आएंगे।
किसी का ज़िंदगी में आना फिर चले जाना और
फिर वापस आना एक अलग ही मोड़ ले आया।
अब एक एक लम्हा मानों सदियों सा लगने लगा था।
कमी खलना एक बात है और उस
शख्सियत की याद आना बहुत बड़ी बात है।
चलो राही रहे तो इन रास्तों पर कभी फिर टकराएंगे
मिलने की आस में ही सही कभी तो मुस्कुराएंगे।
जिंदा रहे तो दूर होकर भी अहसास पाएंगे
अब काफिरा बदल गया था.....
लेकिन वो रास्ते याद आएंगे।
सुप्रिया सोनी।
Appreciate the creator