एक तरफ़ा प्यार
मुकमल ना हो कर भी हमेशा पुरी ही रहती है
ना ज़्यादा प्यार मिलने की शिकायत होती है ना कम मिलने का अफ़सोस
ना ऐतबार का गम ना उससे पाने की खुशी
होती है तो बस हमेशा आँखों मै नमी और चेहरे पर हसी
उसकी चिंता मै चूर रह कर भी
अपने मै मश्ग़ूल रहना
यह प्यार नहीं
दिल की एक तमन्ना जो ना चैन देती है ना दुःख