Alvida Dilli
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Alvida Dilli

अलविदा दिल्ली

यह अत्यधिक सामाजिक व आर्थिक विभिन्नता वाले दो बच्चों की दोस्ती, और एक दूसरे के शहरी व ग्रामीण जीवन शैली को जानने व रहने की तीव्र इच्छा का वर्डन  करती एक हास्यपद  मनोरंजक कहानी है।

दिल्ली के वरिष्ठ मंत्री का छोटा लड़का (प्रयांशु) गाँव के गरीब व चंचल लड़के (मिन्ना) व उसकी बहन (सिब्बी ) से उनके द्वारा फुटपाथ पर बेलून खरीदने पर मिलता है और मिन्ना से प्रभावित होकर उसके कथानुसार मिन्ना के गाँव के प्रति प्रेम व गाँव छोड़ कर शहर आने की संघर्ष कथा को सुनकर प्रभावित होकर अपने मंत्री पिता से मिन्ना के गाँव में फैक्ट्री लगाने और उसे वहीँ काम दिलाने की शर्त मनवा लेता है।  मिन्ना अपनी बहन समेत परिवार सहित गाँव में रहकर काम के साथ - साथ पढाई भी करता है।  टाइम पाकर मिन्ना पड़ोस के एक जन सेवा संचालक चाचा के यहाँ जाकर प्रियांशु को फ़ोन पर गाँव की जीवन शैली व हरियाली, शांत वातावरण, खुली हवा आदि की बातें कर उसका मन ग्रामीण शैली की तरफ आकर्षित करता है। 

प्रियांशु वी वी आई पी होने के कारण सीधे गाँव नहीं जा सकता अतः वो मिन्ना व उसकी बहन से मिलने की तरकीब सोच कर अपने पायलट अंकल की सेवा कर हेलीकाप्टर उड़ाने की तरकीब समझ लेता है।  मंत्री जी इलेक्शन नजदीक आने की वजह से लगातार हेलीकाप्टर द्वारा मीटिंग करते हैं।  प्रियांशु एक दिन मौक़ा पाकर यान में चुपके से सवार होकर मिन्ना  से रात्रि में मिलने निकल जाता है।  गाँव के बाहर एक तय जगह पर हेलीकाप्टर को लैंड कर मिन्ना  व उसके साथियों के मदद से उसको किये गए प्लान के अनुसार छुपा देता है और गुप्त तरीके से मिन्ना के साथ प्रियांशु उसके घर में रहने लगता है। 

प्रियांशु लगातार तीन दिन तक मिन्ना के साथ गाँव के वातावरण में टहलता है और ग्रामीण परिवेश का आनंद लेता है।  इसी बीच सिब्बी से भी उसकी गहरी दोस्ती हो जाती है वो दोनों को गाँव के बाहर ले जाकर उच्च शिक्षा व उसके सही उपयोग, संपन्नता, समृद्धि व ज्ञान के बारे में सिखाता है। उन्हें शीघ्र पढ़ लिख कर बड़ा व्यक्ति बनने की सीख देता है।  इधर मंत्री व समस्त सर्चिंग ऑपरेशन टीम  (हेलीकाप्टर के रडार सिस्टम को डिस्ट्रॉय किए जाने से) उस तक पहुंचने में संघर्ष करती है।  ततपश्चात इनाम पाने की लालसा वश एक ग्रामीण हेलीकाप्टर छिपे होने की खबर यस ओ टी तक पहुंचा देते हैं। प्रियांशु को हेलीकाप्टर समेत लाया जाता है।  मिन्ना व उसके परिवार को ऐसा करने के इलज़ाम में जेल में डाल  दिया जाता है।  भाई और पिता के दो साल तक जेल में रहने से सिब्बी अत्यधिक गरीबी की मार सहती है। 

प्रियांशु के दिलोदिमाग में गाँव का वातावरण एक अनजान नई दुनिया की तरह घर कर लेता है। वो मिन्ना को छुड़ाने की युक्ति सोचता रहता है एक दिन सिब्बी जन सेवा से प्रियांशु को फ़ोन कर समस्त हालात व भाई को जेल से छुड़ाने का वायदा लेती है।  प्रियांशु स्कूल के फ्रेंडस की मदद से योजना अनुसार मिन्ना को छुड़ाने के लिए रोड अनशन पर बैठ जाता है। 

इधर मंत्री के षणयंत्र से सिब्बी को कुछ किडनैपरों द्वारा किडनैप कर लिया जाता है किडनैपर पत्र द्वारा तत्काल अनशन न खत्म करने पर सिब्बी को जान से मारने की धमकी देते हैं।  प्रियांशु गुप्त रूप से बेबस होकर अनशन खत्म कर देता है ततपश्चात  कई युक्तियों में असफल होने के बाद अंत में प्रियांशु अपने नौकर दादू काका की मदद से अपने पिता के लेटर हेड द्वारा की गयी युक्ति से मजिस्ट्रेट पर दवाब डाल कर मिन्ना व उसके पिता की ज़मानत मंजूर करा लेते हैं।  ऐसा करने पर  द्वारा उसे सख्त सज़ा दी जाती है।  जिससे वो अत्यधिक तंग हो जाता है। 

 

एक दिन प्रियांशु पुनः योजना बनाकर हेलीकाप्टर द्वारा चुपके से मिन्ना व सिब्बी को साथ लेकर जंगल की तरफ उड़ जाता है।  मंत्री व शासन द्वारा उसका पीछा  किया जाता है।  दो घंटे की  कड़ी मशक्कत के बाद हेलीकाप्टर को सुरक्षा हेतु टारगेट पर लिया जाता है।   अंत में मायूश होकर मानवीय सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए शासन हेलीकाप्टर को डिस्ट्रॉय करने का आदेश देता है।  हेलीकाप्टर टारगेट पर लेकर समाप्त कर दिया जाता है। 

बेटे की मौत की टेंसन में मंत्री द्वारा पश्चाताप करते हुए मानसिक व शारीरिक हालत अत्यधिक खराब होने पर मंत्री की बीवी उर्मिला मंत्री से कहती है ( प्रियांशु जिन्दा है पर दादू काका अब नहीं रहे)

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